सैन फ्रांसिस्को. एपल पुराने आईफोन को जानबूझकर स्लो करने के मुकदमों को सेटल करने के लिए यूजर्स को 50 करोड़ डॉलर (3,600 करोड़ रुपए) का भुगतान करेगी। सैन जोस की जिला अदालत में दायर दस्तावेजों में यह जानकारी सामने आई। इसके मुताबिक अमेरिका के सभी प्रभावित यूजर्स को 25-25 डॉलर दिए जाएंगे। हालांकि, दावों की संख्या और कोर्ट से मंजूर कानूनी खर्चों की राशि के आधार पर यूजर्स को मिलने वाली रकम कम या ज्यादा भी हो सकती है। अदालत 3 अप्रैल को सेटलमेंट को मंजूरी दे सकती है।
यूजर और टेक एनालिस्ट की नाराजगी के बाद एपल ने गलती मानी थी
जिन अमेरिकी ग्राहकों ने 21 दिसंबर 2017 से पहले आईफोन 6, 6प्लस, 6एस, 6एसप्लस, आईफोन 7, 7प्लस या एसई खरीदा था और फोन स्लो होने की दिक्कत आई थी, वे दावे कर सकते हैं। एपल के बहुत से यूजर्स और टेक एनालिस्ट ने दिसंबर 2017 में शिकायत की थी कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद उनके आईफोन स्लो हो गए। उनका कहना था कि एपल ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि लोग लेटेस्ट आईफोन खरीदने को मजबूर हों।
कम कीमत में बैटरी रिप्लेसमेंट की वजह से एपल का रेवेन्यू कम हुआ था
ग्राहकों की नाराजगी के बाद एपल ने माना था कि उसने सॉफ्टवेयर अपडेट्स के जरिए पुराने आईफोन स्लो किए थे। हालांकि, कंपनी ने सफाई दी थी कि उसने पुरानी लीथियम-आयन बैटरी में दिक्कत होने की वजह से ऐसा किया। बाद में माफी मांगते हुए 79 डॉलर में बैटरी रिप्लेसमेंट भी दिया। अगले महीने ही यानी जनवरी 2018 में बैटरी की कीमत घटाकर सिर्फ 29 डॉलर कर दी थी। एपल के सीईओ टिम कुक ने पिछले साल कहा था कि आईफोन की बैटरी बदलने के लिए कीमतों में कमी करने से 2018 में कंपनी का रेवेन्यू प्रभावित हुआ था।
भारत में आईफोन 1,300 रुपए तक महंगे हुए
सरकार ने बजट में इंपोर्टेड मोबाइल फोन-चार्जर पर कस्टम ड्यूटी और सोशल वेलफेयर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। एपल समेत अन्य कंपनियां इसका बोझ ग्राहकों पर डाल रही हैं। एपल ने भारत में सोमवार से आईफोन 11प्रो, आईफोन 11प्रो मैक्स और आईफोन 8 की कीमतें बढ़ा दी हैं। आईफोन 11प्रो सीरीज की कीमतों में करीब 1,300 रुपए का इजाफा हुआ है। आईफोन 11प्रोमैक्स 64जीबी अब 1,11,200 रुपए में मिलेगा। 256जीबी मॉडल की कीमत 1,25,200 रुपए जबकि 512जीबी की 1,43,200 रुपए हो गई है। इससे पहले आईफोन 11प्रोमैक्स की शुरुआती कीमत 1,09,900 रुपए थी। आईफोन 8 की कीमतें 700 रुपए तक बढ़ाई गई हैं।
आईफोन एक्सआर, आईफोन 7 के रेट में बदलाव नहीं
कंपनी इन मॉडल्स का प्रोडक्शन भारत में ही कर रही है। इसलिए, इनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई। आईफोन 11, आईपैड, एपल वॉच और मैक डेस्कटॉप के रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
बृजपुरी की इस गली में करीब 45 हिंदू परिवारों के बीच सिर्फ दो मुस्लिम परिवार रहते हैं। इन दोनों ही परिवारों की सुरक्षा यहां के स्थानीय लोगों ने इतनी मजबूती से की है कि रात-रात भर ये लोग खासतौर से इन घरों के बाहर तैनात रहे। यहां रहने वाले मोहम्मद कपिल कहते हैं, ‘‘अब्बू ने 1983 में यहां घर लिया था। मेरी तो पैदाइश ही यहां की है। मेरे सारे दोस्त हिंदू हैं और मोहल्ले के लोगों से परिवार जैसे रिश्ते हैं। जब यहां दंगे भड़के तो हमें खयाल भी नहीं आया कि हमें यहां से कहीं चले जाना चाहिए क्योंकि हमें अपने आस-पड़ोस के लोगों पर इतना भरोसा है। इन दंगों में जब आस-पास के लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे थे तो हमारे मोहल्ले में हिंदू-मुस्लिम साथ मिलकर दंगाइयों के खिलाफ खड़े थे।’’
इसी गली में दूसरा घर 70 साल के यामीन का है। वे कहते हैं, ‘‘गली के बाहर आपने देखा होगा कितने घर और दुकानें दंगाइयों ने जलाकर राख कर दी हैं। हजारों की तादाद में दंगाई यहां आए थे और उन्होंने निशाना बनाकर बाहर हिंदुओं की दुकानें जलाई। सोचिए, ऐसे में हिंदू भाइयों के मन में कितना गुस्सा रहा होगा। लेकिन उन्होंने फिर भी हमारे घरों की खुद अपने घरों से बढ़कर सुरक्षा की। हमारी जिंदगीभर की कमाई यही है कि हमें ये भाईचारा और आपसी मोहब्बत मिली।’’
इन दंगों ने जहां कई लोगों के मन में एक-दूसरे के प्रति नफरत की एक दीवार खड़ी कर दी, वहीं चंदू नगर और बृजपुरी की इन गलियों में लोगों के आपसी रिश्ते अब शायद पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गए। ये उस भरोसे के चलते हुआ, जो इन लोगों ने एक-दूसरे पर बनाए रखा। कहा जाता है कि इंसान की असल पहचान मुश्किल वक्त में होती है। चंदू नगर और बृजपुरी के इन लोगों ने अपनी यह खूबसूरत पहचान इस मुश्किल वक्त में साबित करके दिखाई है।
यूजर और टेक एनालिस्ट की नाराजगी के बाद एपल ने गलती मानी थी
जिन अमेरिकी ग्राहकों ने 21 दिसंबर 2017 से पहले आईफोन 6, 6प्लस, 6एस, 6एसप्लस, आईफोन 7, 7प्लस या एसई खरीदा था और फोन स्लो होने की दिक्कत आई थी, वे दावे कर सकते हैं। एपल के बहुत से यूजर्स और टेक एनालिस्ट ने दिसंबर 2017 में शिकायत की थी कि सॉफ्टवेयर अपडेट के बाद उनके आईफोन स्लो हो गए। उनका कहना था कि एपल ने जानबूझकर ऐसा किया ताकि लोग लेटेस्ट आईफोन खरीदने को मजबूर हों।
कम कीमत में बैटरी रिप्लेसमेंट की वजह से एपल का रेवेन्यू कम हुआ था
ग्राहकों की नाराजगी के बाद एपल ने माना था कि उसने सॉफ्टवेयर अपडेट्स के जरिए पुराने आईफोन स्लो किए थे। हालांकि, कंपनी ने सफाई दी थी कि उसने पुरानी लीथियम-आयन बैटरी में दिक्कत होने की वजह से ऐसा किया। बाद में माफी मांगते हुए 79 डॉलर में बैटरी रिप्लेसमेंट भी दिया। अगले महीने ही यानी जनवरी 2018 में बैटरी की कीमत घटाकर सिर्फ 29 डॉलर कर दी थी। एपल के सीईओ टिम कुक ने पिछले साल कहा था कि आईफोन की बैटरी बदलने के लिए कीमतों में कमी करने से 2018 में कंपनी का रेवेन्यू प्रभावित हुआ था।
भारत में आईफोन 1,300 रुपए तक महंगे हुए
सरकार ने बजट में इंपोर्टेड मोबाइल फोन-चार्जर पर कस्टम ड्यूटी और सोशल वेलफेयर सरचार्ज बढ़ाने का ऐलान किया था। एपल समेत अन्य कंपनियां इसका बोझ ग्राहकों पर डाल रही हैं। एपल ने भारत में सोमवार से आईफोन 11प्रो, आईफोन 11प्रो मैक्स और आईफोन 8 की कीमतें बढ़ा दी हैं। आईफोन 11प्रो सीरीज की कीमतों में करीब 1,300 रुपए का इजाफा हुआ है। आईफोन 11प्रोमैक्स 64जीबी अब 1,11,200 रुपए में मिलेगा। 256जीबी मॉडल की कीमत 1,25,200 रुपए जबकि 512जीबी की 1,43,200 रुपए हो गई है। इससे पहले आईफोन 11प्रोमैक्स की शुरुआती कीमत 1,09,900 रुपए थी। आईफोन 8 की कीमतें 700 रुपए तक बढ़ाई गई हैं।
आईफोन एक्सआर, आईफोन 7 के रेट में बदलाव नहीं
कंपनी इन मॉडल्स का प्रोडक्शन भारत में ही कर रही है। इसलिए, इनकी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की गई। आईफोन 11, आईपैड, एपल वॉच और मैक डेस्कटॉप के रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया है।
बृजपुरी की इस गली में करीब 45 हिंदू परिवारों के बीच सिर्फ दो मुस्लिम परिवार रहते हैं। इन दोनों ही परिवारों की सुरक्षा यहां के स्थानीय लोगों ने इतनी मजबूती से की है कि रात-रात भर ये लोग खासतौर से इन घरों के बाहर तैनात रहे। यहां रहने वाले मोहम्मद कपिल कहते हैं, ‘‘अब्बू ने 1983 में यहां घर लिया था। मेरी तो पैदाइश ही यहां की है। मेरे सारे दोस्त हिंदू हैं और मोहल्ले के लोगों से परिवार जैसे रिश्ते हैं। जब यहां दंगे भड़के तो हमें खयाल भी नहीं आया कि हमें यहां से कहीं चले जाना चाहिए क्योंकि हमें अपने आस-पड़ोस के लोगों पर इतना भरोसा है। इन दंगों में जब आस-पास के लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लड़ रहे थे तो हमारे मोहल्ले में हिंदू-मुस्लिम साथ मिलकर दंगाइयों के खिलाफ खड़े थे।’’
इसी गली में दूसरा घर 70 साल के यामीन का है। वे कहते हैं, ‘‘गली के बाहर आपने देखा होगा कितने घर और दुकानें दंगाइयों ने जलाकर राख कर दी हैं। हजारों की तादाद में दंगाई यहां आए थे और उन्होंने निशाना बनाकर बाहर हिंदुओं की दुकानें जलाई। सोचिए, ऐसे में हिंदू भाइयों के मन में कितना गुस्सा रहा होगा। लेकिन उन्होंने फिर भी हमारे घरों की खुद अपने घरों से बढ़कर सुरक्षा की। हमारी जिंदगीभर की कमाई यही है कि हमें ये भाईचारा और आपसी मोहब्बत मिली।’’
इन दंगों ने जहां कई लोगों के मन में एक-दूसरे के प्रति नफरत की एक दीवार खड़ी कर दी, वहीं चंदू नगर और बृजपुरी की इन गलियों में लोगों के आपसी रिश्ते अब शायद पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गए। ये उस भरोसे के चलते हुआ, जो इन लोगों ने एक-दूसरे पर बनाए रखा। कहा जाता है कि इंसान की असल पहचान मुश्किल वक्त में होती है। चंदू नगर और बृजपुरी के इन लोगों ने अपनी यह खूबसूरत पहचान इस मुश्किल वक्त में साबित करके दिखाई है।
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