'वोटिंग फ़्रॉड' पर BJP नेता सुरेंद्र पुनिया के इस दावे का सच: फ़ैक्ट चेक

भारतीय जनता पार्टी से हाल ही में जुड़े सेवानिवृत्त मेजर सुरेंद्र पुनिया ने श्रीलंका का एक पुराना वीडियो ट्वीट कर उसे भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव से जोड़ने की कोशिश की है.

सोमवार को चौथे चरण की वोटिंग शुरू होते ही पुनिया ने यह वीडियो ट्वीट किया और लिखा, "श्रीलंका में बुर्क़ा बैन कर दिया गया है ताकि आदमी अपनी पहचान न छिपा सके. ऐसा सिक्योरिटी से संबंधित कारणों को ध्यान में रखकर किया गया. हमें भी ऐसा करना चाहिए. देखिए कैसे मुँह छिपाने से चुनाव/वोटिंग प्रभावित हो रही है."

बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार करने में व्यस्त पुनिया द्वारा शेयर किए गए 41 सेकेंड के इस वीडियो को ट्विटर पर 23 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. सैकड़ों लोग इसे शेयर कर चुके हैं.

ट्विटर के अलावा फ़ेसबुक और शेयर चैट पर भी अब इस वीडियो को ठीक उसी गप के साथ शेयर किया जा रहा है जो सुरेंद्र पुनिया ने बनाई है.

यह बात सही है कि ईस्टर के दिन हुए चरमपंथी हमले के बाद श्रीलंका की सरकार ने चेहरे को ढकने वाले सभी परिधानों और कपड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

लेकिन जो वीडियो बीजेपी नेता सुरेंद्र पुनिया ने ट्वीट किया है, उसका लोकसभा चुनाव से कोई संबंध नहीं है.

ये वीडियो अगस्त 2018 का है. बीबीसी ने 24 अप्रैल 2019 को श्रीलंका के इस वीडियो पर एक डिटेल स्टोरी की थी.

उस समय यह वीडियो इस फ़ेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि श्रीलंका में बम धमाके करने वाला एक बौद्ध था जिसे श्रीलंका पुलिस ने बुर्क़ा पहने हुए गिरफ़्तार कर लिया है.

श्रीलंका के स्थानीय मीडिया नेटवर्क 'नेथ न्यूज़' ने सीरियल बम धमाकों से क़रीब आठ महीने पहले यू-ट्यूब पर इस वीडियो को पोस्ट किया था.

29 अगस्त 2018 को पोस्ट की गई यह वीडियो 'नेथ न्यूज़' के यू-टयूब पेज पर मौजूद है.

मीडिया नेटवर्क के अनुसार श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सटे पश्चिमी प्रांत राजगिरी में इस शख़्स को पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

'नेथ न्यूज़' की वेबसाइट पर इस वीडियो के साथ छपी रिपोर्ट के मुताबिक़ वीडियो में दिख रहा शख़्स ऑटोरिक्शा में बैठकर वेलीकाडा पब्लिक शॉपिंग कॉम्पलेक्स तक पहुँचा था. लेकिन ऑटोरिक्शा चालक को इस आदमी के रवैये पर शक़ हुआ तो उसने पुलिस को इसकी सूचना दी और उसे गिरफ़्तार करा दिया था.

इस शख़्स पर क्या आरोप लगे थे? इस बारे में नेथ न्यूज़ की रिपोर्ट में कुछ नहीं लिखा है.

श्रीलंका की ही 'एक्सप्रेस न्यूज़' नाम की वेबसाइट ने नेथ न्यूज़ के हवाले से 30 अगस्त 2018 को इस घटना की रिपोर्ट पब्लिश की थी.

वीडियो को ग़लत संदर्भ के साथ वायरल होता देख नेथ न्यूज़ ने अपने फ़ेसबुक पेज पर इस वीडियो के बारे में एक स्पष्टीकरण जारी किया है.

उन्होंने लिखा है, "ध्यान दें! यह वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट किया जा रहा है. ये वीडियो क्लिप 29 अगस्त 2018 को हमने पब्लिश किया था."

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